2019 विश्व कप सेमीफाइनल में न्यूजीलैंड के हाथों हार के बाद भारतीय टीम और टीम मैनेजमेंट सवालो के घेरे में हैं । 240 रनों के स्कोर का पीछा करने उतरी भारत की शुरुआत बेहद खराब रही, क्योंकि उसने अपने शुरुआती 3 बल्लेबाजों को 5 रनों के अंदर खो दिया ।
रवींद्र जडेजा और एमएस धोनी ने सातवें विकेट के लिए 116 रन जोड़कर भारत को कुछ उम्मीद दी , लेकिन निर्णायक ओवर में इन दोनों बल्लेबाजों के आउट होने का मतलब था कि भारत 18 रन से हारकर विश्व कप से बाहर हो गया।
350 एकदिवसीय मैचों के दिग्गज एम् इस धोनी को भारत के नुकसान के हार का दोषी ठहराया गया था क्योंकि वह तेज गति से स्कोर करने में विफल रहे जिसने रवींद्र जडेजा पर सारा दबाव डाला और उन्होंने एक बड़ा शॉट खेलकर अपना विकेट गवा दिया। धोनी ने 2019 विश्व कप में 45 से अधिक औसत के साथ 273 रन बनाए लेकिन स्कोर को तेज़ी से न बढ़ा पाने के असमर्थता से उनकी आलोचना हुई |
टीम इंडिया के बल्लेबाजी कोच संजय बांगड़ ने आखिरकार जवाब दिया
विश्व कप सेमीफाइनल में धोनी को 7 वें नंबर पर बल्लेबाजी करने के लिए भेजा गया था, जब अन्य बल्लेबाज बड़ी पारी खेलने में विफल रहे थे । इसका दोष भारत के बल्लेबाजी कोच संजय बांगड़ पर लगाया गया और मीडिया और प्रशंसकों द्वारा पूछे गए सवालों के जवाब देने के लिए बांगर ने खुद कदम बढ़ाया।
“टीम में मैं ही अकेले सभी फैसले नहीं लेता हूं, बाकी सभी की सहमति भी होती है। उन्होंने कहा कि हमने यह तय किया था कि हमारे मध्यक्रम को लचीला होना चाहिए, क्योंकि सवाल नंबर पांचवें,छठे या सातवें क्रम का नहीं था। हमारा मकसद था कि हम 30 से 40 ओवर के बीच अधिक से अधिक रन बटोरें |
“सेमीफाइनल में लक्ष्य का पीछा करते हुए शुरुआती 30-40 मिनट में ही हमने अपने तीन महत्वपूर्ण विकेट गंवा दिए, जिसका खामियाजा हमें हार के रूप में भुगतना पड़ा, लेकिन टीम ने अंत तक संघर्ष किया। अगर धोनी ने लाइन पार कर ली होती, तो यह एक असाधारण रन चेज होता,” बांगड़ ने कहा
इसे अंग्रेजी में पढ़े- Sanjay Bangar finally reveals about sending MS Dhoni at no. 7 in World Cup semi-final