एमएस धोनी 31 जुलाई से 15 अगस्त तक अपनी क्षेत्रीय सेना बटालियन- पैराशूट रेजिमेंट के साथ कश्मीर घाटी के खतरनाक इलाके में पहरा और गश्त करेंगे। अनुभवी क्रिकेटर को कश्मीर के लिए एक विशेष सेना के विमान में सवार किया गया था। कश्मीर जाने से पहले, धोनी ने खुद को घाटी में होने वाली कठिनाइयों के लिए खुद को तैयार करने के लिए बेंगलुरु में प्रशिक्षण लिया।
धोनी को 2011 में भारतीय सेना द्वारा ब्रिगेडियर के पद से सम्मानित किया गया था। हालांकि, वह पैराशूट रेजिमेंट (106 पैरा टीए बटालियन) की प्रादेशिक सेना की बटालियन में लेफ्टिनेंट कर्नल के रूप में कार्यक्रत हैं । 2015 में आगरा में सफलतापूर्वक अपना पांचवी कूद पूरा करने के बाद धोनी पैराट्रूपर बन गए थे।
जिस यूनिट में धोनी तैनात होंगे, उसमें राजपुताना, गोरखा, सिख, जट्ट और जम्मू-कश्मीर राइफल्स जैसी विभिन्न बटालियन के सैनिक होंगे। इस यूनिट में 700 सेना के जवान होंगे और धोनी को दिन और रात दोनों शिफ्टों में ड्यूटी करनी होगी।
कश्मीर में धोनी का शेड्यूल
गश्त
एमएस धोनी 8-10 सेना के जवानों के एक समूह के साथ रहेंगे और बादामी बाग कैंट क्षेत्र में गश्त करेंगे। वह बुलेट प्रूफ जैकेट पहनेंगे और एके -47 बंदूक और 6 हैंड ग्रेनेड अपने साथ रखेंगे। इस कर्तव्य का उद्देश्य लोगों के साथ मेल मिलाप बढ़ाना और खुफिया जानकारी हासिल करना है।
पोस्ट ड्यूटी
उन्हें बिना पलक झपकाए बंकर में खड़ा होना पड़ेगा। कार्य को प्रत्येक 2 घंटे की अवधि में तीन शिफ्ट के लिए सौंपा जाएगा। यह कर्तव्य धोनी के धैर्य की परीक्षा लेगा क्योंकि पोस्ट ड्यूटी का मूल मकसद बिना हिले खड़े रहना है और आते जाते लोगो पे नज़र बनाये रखना होता हैं |
पहरेदारी का काम
उन्हें अपनी सेना इकाई की देखभाल के लिए गार्ड का काम सौंपा जाएगा। कार्य को दिन और रात दोनों में 4 घंटे की अवधि में दो पारियों के लिए सौंपा जाएगा। यदि उन्हें दिन में ड्यूटी करने के लिए निर्देश मिलेगा, तो उन्हें कश्मीर की सर्द सुबह 4 बजे उठना होगा।
Read this in english– Lieutenant Colonel MS Dhoni to patrol in Kashmir from today, know his 15 day schedule in the valley