विश्व कप के सेमीफाइनल में न्यूजीलैंड के हाथों भारत की हार के बाद से विराट कोहली की कप्तानी सवालों के घेरे में रही है। ऐसी खबरें थीं कि टीम दो हिस्सों में बंट गई थी जहां रोहित शर्मा ने एक भाग का नेतृत्व किया था और कप्तान और कोच द्वारा किए गए निर्णयों से खुश नहीं थे और दूसरे भाग का नेतृत्व विराट कोहली कर रहे थे। सेमीफाइनल में हारने के बाद, रोहित शर्मा का ग्रुप विराट कोहली को कप्तानी से हटाने का मुखर था।
इस बीच, भारत के पूर्व महान क्रिकेटर – सुनील गावस्कर ने विराट कोहली द्वारा पसंद किए गए सदस्यों के पक्ष में एमएसके प्रसाद के नेतृत्व वाली चयन समिति पर सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि कप्तान चयन बैठकों के लिए आमंत्रित किया जाते है और जो संदेश जाता है वह यह है कि कप्तान केदार जाधव और दिनेश कार्तिक जैसे खिलाड़ियों का चयन विफल प्रदर्शन के बावजूद करते हैं।
गावस्कर ने कोहली की कप्तानी पे उठाये सवाल
70 वर्षीय गावस्कर ने समिति से विश्व कप की हार के बावजूद विराट कोहली के कप्तान के रूप में जारी रखने पर सवाल उठाया।
“अगर चयनकर्ताओं ने वेस्टइंडीज दौरे के लिए कप्तान का चयन बिना किसी मीटिंग के कर लिया, तो यह सवाल उठता है कि क्या कोहली अपनी बदौलत टीम के कप्तान हैं या फिर चयन समिति की खुशी के कारण हैं | हमारी जानकारी के मुताबिक कोहली नियुक्ति विश्व कप तक के लिए ही थी। इसके बाद चयनकर्ताओं को इस मसले पर मीटिंग बुलानी चाहिए थी। यह अलग बात है कि यह मीटिंग पांच मिनट ही चलती, लेकिन ऐसा होना चाहिए था,” गावस्कर ने मिड-डे में लिखा था।
125 टेस्ट मैचों के अनुभवी खिलाडी ने आखिरकार चयन समिति की योग्यता पर सवाल उठाया, जिसपे टीम प्रबंधन हावी हैं। चयन समिति के अध्यक्ष एमएसके प्रसाद हैं और उनके साथ सरनदीप सिंह, देवांग गांधी, जतिन परांजपे और गगन गोडा हैं। पांच सदस्यों का कुल टेस्ट मैच का अनुभव सिर्फ 13 टेस्ट हैं, परांजपे और खोड़ा केवल भारत के लिए एकदिवसीय क्रिकेट खेल चुके हैं।
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